प्रजातंत्र में तंग प्रजा का हाथ है

प्रजातंत्र में तंग प्रजा का हाथ है

बलि देहाती, कर्जा वामन लात है
प्रजातंत्र में तंग प्रजा का हाथ है

आंगुर-आंगुर दाम जोड़ता
बीज उधारी कितनी आई
ट्रेक्टर का भाड़ा कितना है
डीज़ल की कितनी भरवाई

गिरवी कटने से पहले उत्पाद है
प्रजातंत्र में तंग प्रजा का हाथ है

नए आंकड़े, नई रिपोर्टें
भूख रेख मुड़ के मुस्काई
रेख गरीबी ऊपर तिरसठ
देश साक्षर तीन-चौथाई

किन्तु अचानक लगा व्यर्थ ये बात है
प्रजातंत्र में तंग प्रजा का हाथ है

वाह! नारी क्या मुक्ति पाई
घर-दफ़्तर-घर चूल्हा चौकी
साहिब टीवी कम्प्यूटर पर
बीबी थकी किचन में होगी

नया-पुराना जिम्मा उसके माथ है
प्रजातंत्र में तंग प्रजा का हाथ है

जीत गए जो ढंग के नेता
नियम-वियम सब लागू होगा
रिश्वतखोरी नहीं चलेगी
भ्रष्ट जनों पे काबू होगा

राह कठिन, पर करनी ये शुरुआत है
प्रजातंत्र में लगा प्रजा का हाथ है !

शार्दुला नोगजा,
साहित्यकार,
सिंगापुर

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