तुम सक्षम हो माही!

तुम सक्षम हो माही!   दिन बीतते चले जाते हैं कई दफा यूँ ,जैसे सिर्फ घड़ी की सुईयां सरक रहीं हैं अपनी नियति के अनुसार .. पर वक़्त थम गया है कहीं पर और आपका मन मस्तिष्क भी, एक अजीब सी नीरवता चारों ओर संलिप्त है इसीलिए बहुत कुछ घटित होता रहता है आपके आसपास,…

Read More

हिम्मत की ईंट

हिम्मत की ईंट इस वर्ष बारिश भी कितनी हो रही है । बूँदों के सारे खजाने लुटाने का इरादा लगता है मेघों का ,परन्तु बदले तेवर का क्या अर्थ। सौम्य के अलावा प्रचण्ड रूप का भी दिग्दर्शन हो रहा है -अविरल शक्तिप्रदर्शन , मानो जनजीवन के भयादोहन करने का विषम आनंद लूटना चाह रहे हों…

Read More

बेबसी

बेबसी शहर से दूर केंद्रीय जेल के ठीक सामने एक बहुत बड़ा मैदान था। मैदान के चारों तरफ पेड़ होने के कारण सुबह और शाम टहलने वाले लोगों के झुंड से यह जगह गुलजार रहा करता था। आज चुनाव का रिजल्ट आने वाला था। जिसके कारण रिटायर लोगों की टहलने वाली मंडली में जोरदार चर्चा…

Read More

उचित सहयोग

उचित सहयोग   जब से संदीप को पैरालिटिक अटैक आया था और उसका कामकाज बंद सा ही हो गया था, तब से परिवार की आर्थिक स्थिति डवाँडोल रहने लगी थी। वैसे तो उसकी पत्नी काजल बहुत ही समझदार और संतुलित महिला थी, हिसाब किताब से घर चलाना उसे आता था, किसी से सहयोग लेना भी…

Read More

मनिहारिन 

मनिहारिन    रंग बिरंगी चूड़ियां किसे सम्मोहित नहीं करती । चाहे छोटी सी बच्ची हो,चाहे नवयौवना हो या फिर वो वैधव्य की अवस्था हो जिसमें समाज के द्वारा चूड़ियां पहनना निषिद्ध होता है, किन्तु चूड़ियों का आकर्षण कम नहीं होता। उनकी छनछन से तो बड़े बड़े विश्वामित्र सरीखे पुरुषों का ध्यान भी भंग हो जाता…

Read More

मेरे प्रिय कथाकार और उनकी एक कहानी

एक उत्सव हिंदी कथा सम्राट प्रेमचंद एवं कथा, कथाकार और कथा प्रशंसकों के नाम।जुलाई माह प्रतिदिन संध्या सात बजे गृहस्वामिनी के यू ट्यूब चैनल पर । अंतरराष्ट्रीय कथा महोत्सव में 5 जुलाई संध्या सात बजे प्रसिद्ध और वरिष्ठ कथाकार  डॉ सी भास्कर राव जी की कहानी लेकर आ रही हैं कथाकार डॉ जूही समर्पिता और…

Read More

कथा, कथाकार और पाठक

अंतरराष्ट्रीय कथा महोत्सव  कथा, कथाकार और पाठक 4 जुलाई संध्या 7 बजे (IST), दोपहर 2.30 बजे (GMT) https://youtube.com/@grihaswamini7913 उपन्यास – तिलिस्म  उपन्यासकार – दिव्या माथुर-लंदन,ब्रिटेन समीक्षक शिखा वार्ष्णेय-लंदन, ब्रिटेन डॉ रीता दास राम-मुंबई, भारत अनिल शर्मा जोशी- दिल्ली, भारत अध्यक्ष प्रो जितेन्द्र श्रीवास्तव- दिल्ली, भारत संचालन – पूजा अनिल, स्पेन 1

Read More

सच्चा साथी

सच्चा साथी रीना मण्डल के घर से जोर जोर से लड़ने झगड़ने की आवाज़ आ रही थी । रात के सन्नाटे में तो आवाज़ और भी तेज सुनाई देती है।कुछ देर के बाद आवाजें बन्द हो गयी और रीना के रोने की हल्की-हल्की सी आवाजें आने लगीं । यह उनकेे घर की लगभग हर तीसरे-चौथे…

Read More

वही होगा मेरा पति

वही होगा मेरा पति कड़कड़ाती धूप में मेहनत करती यमुना पसीने से तर-बतर हो रही थी। तभी खाना खाने की छुट्टी हुई। इतने शरीर तोड़ परिश्रम के बाद उसे जोरों की भूख लगी थी। आज माँई ने क्या साग भेजा होगा, सोचते हुए उसने अपना खाने का डब्बा खोला। वह देखकर हैरान रह गई कि…

Read More

पूर्णाहुति

पूर्णाहुति “आज बदन टूट रहा है।रात को सिर्फ दूध ही दे देना”, ८५ वर्षीय बृजभूषण जी ने श्याम सुन्दर से कहा।श्याम और बृजभूषण के बीच कोई सांसारिक रिश्ता नहीं था। बृजभूषण जी, जिन्हे परिचित प्यार से बाबू जी कह कर सम्बोधित करते थे, अत्यंत लोकप्रिय थे। उन्होंने अपना सारा जीवन एक निस्वार्थ निष्काम भाव से…

Read More