जीवन के अस्मरणीय पल

जीवन के अस्मरणीय पल समकालीन हिंदी लेखन जगत के एक अग्रणी हस्ताक्षर ममता कालिया जी को कौन नहीं जानता। उनसे मेरा सम्बंध मेरी पहली कहानी ‘वे चार पराँठे‘ से जुड़ा है।यह कहानी जुलाई 2007 में ममता कलिया जी तथा रविंद्र कलिया जी की बिर्मिंघम के एक कहानी कार्यशाला से ऊपजी थी। कार्यशाला पूरे वीकेंड की…

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हम्पी – जहाँ हर पाषाण कुछ कहता है

हम्पी – जहाँ हर पाषाण कुछ कहता है आप सब ने इस वर्ष के गणतंत्र दिवस पर विभिन्न राज्यों की झाकियां टी वी पर अवश्य ही देखी होंगी | कर्नाटक राज्य की झांकी, विजयनगर – हम्पी पर बड़ी ही सुंदरता से बनाई गयी थी | उसे देख कर मेरे लिए, व्यक्तिगत रूप से, तो जैसे…

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मानवता की ओर

मानवता की ओर जमशेदपुर की सबसे चर्चित चेहरों में से एक हैं बेहद ही खूबसूरत,हंसमुख मिलनसार,कर्मठ,संवेदनशील एवं दयालु इतनी की दिन रात समाज के उत्थान एवं कल्याण के लिए के पूर्ण रूप से समर्पित रहतीं हैं। आज हम मानवता की ओर में जानीमानी समाजसेविका, सांस्कृतिक कार्यकर्ता एवं साहित्यकार पूरबी घोष से बातचीत करेंगे जिससे हम…

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