यंगर्स लव

यंगर्स लव   वो मुझे बहुत ही आकर्षक व्यक्तित्व की प्रतिमूर्ति लग रही थी।मुझे उसमे खो जाना, डूबना, डूबकर तैरते हुए किनारे आ जाना अच्छा लग रहा था।मैंउसके चेहरे को देख रहा था, वो अपने नैना बन्द किये मेरी गोद में सिर रख अलौकिक जगत की सैर कर रही थी।उसका चेहरा मुझे मुल्तानी मिट्टी से…

Read More

आत्मिक प्रेम

आत्मिक प्रेम   राजमहल का उद्यान- प्राकृतिक सौन्दर्य से परिपूर्ण, रंग-बिरंगे फूलों की क्यारियों से होती हुई तितलियों की परिक्रमा, मधुप का गूँजन, सरोवर की शीतलता और शीतल मंद सुरभित वायु उस रमणी को याद करने पर मजबूर कर दिया, जिसकी चर्चा तीनों लोकों में है। निषध देश का राजकुमार नल अंतःपुर के उद्यान में…

Read More

काली मुन्नी

काली मुन्नी ”बड़ी भूख लगी है बुआ।आज मम्मी कहाँ हैं ? ” ”मम्मी अस्पताल में हैं।आपके एक और बहिनिया हुई है। ” बुआ के स्वर में व्यंग्य था, आँखों में उपहास।चाची की शह पाकर वह हंसी उड़ाने लगीं।ठीक वैसे ही जैसे लूडो के खेल में उसे हराने के बाद वह हँसती थीं। ”और अम्माजी ?…

Read More

डैडी होम

  डैडी होम दिशांत दौड़ता हुआ अस्पताल में आया और खून में लथपथ नवजात को आगे कर बोला “प्लीज इसे जल्दी भर्ती करिए, इसकी हालत बहुत खराब है, प्लीज सिस्टर!” नर्स ने बच्ची को लिया और तुरंत एन.आई.सीयू. में भर्ती कर लिया। वहां बच्ची का इलाज शुरु हुआ। दिशांत वहीं चहलकदमी कर रहा था। नर्स…

Read More

चूड़ियों की खनक

  चूड़ियों की खनक रवि के पैर का उत्साह जैसे हवा से बात कर रहा था।घर जल्दी पहुंचने के लिए उसके पैर आतुर हो रहे थे। उसने कभी सोचा भी नहीं था कि वक्त के साथ हमें यू इतने लम्बे समय तक इस तरह अलग रहना पड़ेगा । पूरे एक वर्ष बाद आज उससे मिल…

Read More

हत्या की शिनाख़्त का सपना

हत्या की शिनाख़्त का सपना कोई नींद में बोल रहा था. नहीं, ये रात के सन्नाटे में किसी के फ़ोन पर झगड़ने की आवाज़ नहीं थी, ये एक बहकी हुई बेहोश आवाज़ थी, मैं अचानक डर गयी. यह आवाज़ नशे में बहकी हुई नहीं थी, नींद में बेहोश थी, लस्त पस्त। मैं उसे पहचानती थी….

Read More

कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण

कहानी ‘मेला’ एक वैचारिक दृष्टिकोण साहित्य संसार की प्रतिष्ठित कथाकर, जो, केवल कहानियों में ही नहीं, नाटक, उपन्यास, कविता, निबंध, पत्रकारिता,लगभग साहित्य की अधिकांश विधाओं में अपना हस्तक्षेप रखतीं हैं और अपने लेखन के लिये अनेक साहित्य सम्मान से नवाज़ी गईं हैं। प्रबुद्ध, सरल -सहज, सौम्य, चेहरे पर,निर्बाध, निश्छल हँसी ऐसे दिखती है,जैसे पूस में…

Read More

काश !

काश! विमान मिलान ऐयरपोर्ट से टेक ऑफ कर इटली की सीमा को छोड़कर भारत की ओर बढ़ चुका था | विशाल और श्यामली दोनों बहुत खुश थे | भारत पहुँचकर सबसे मिलने की कल्पना मात्र से उनका मन उमंग से भर उठा था | पिछले पाँच सालों से वे अपने घरवालों से नहीं मिले थे…

Read More

एक प्रेम ऐसा भी…

एक प्रेम ऐसा भी… “सात समुंदर पार से राजकुमार आएगा तुझे ब्याहने.. फिर, सफेद से घोड़े पर बैठा कर ले जाएगा मेरी प्यारी बिटिया को”– दादी यही कहकर बचपन में खाना खिलाया करती थी। “दादी उस राजकुमार का क्या नाम होगा..?” बड़ी- बड़ी आँखें निकालकर हलक में भोजन का एक कौर निगलती हुई पूछा करती…

Read More

हमारी लड़ाई

हमारी लड़ाई नर्स आकर जब कुलवंती के कान में यह कहने लगी तो कुलवंती को मूर्छा आ गई| उसका पूरा शरीर कांपने लगा| … “यह क्या हुआ” कहते हुए वह थहरा कर बैठ गई | कुलवंती को दांत लग गया| नर्स अपना पूरा जोर लगा कर कुलवंती को पकड़ कर सामने पड़े ओसारे के पर…

Read More