गृहस्वामिनी सुपर अचीवरमेरे प्रिय तुम गुलाब हो! Grihaswamini6 years ago01 mins मेरे प्रिय तुम गुलाब हो! नेहरू के कोट से चलकर, प्रियतमा के जूड़े में अठखेले, रंग बिरंगे चाहे जितने हो, पर, सुर्ख लाल में हो अलबेले, मादकता की तुम हो परिभाषा, तुम सुहाग सेज की अभिलाषा, मेरे प्रिय तुम गुलाब हो! हो न ! सुधा गोयल ‘नवीन’ 0 Post navigation Previous: गुलाबNext: Rose