वीरता और विद्वत्ता का अद्भुत समन्वय
वीरता और विद्वत्ता का अद्भुत समन्वय मेरे जीवन की क्षुधा, नहीं मिटेगी जब तक मत आना हे मृत्यु, कभी तुम मुझ तक… भारतीय क्रांतिकारी आंदोलन भारतीय इतिहास का स्वर्णिम युग है। भारत की धरती पर जितनी भक्ति और मातृभावना उस युग में थी, उतनी कभी नहीं रही। 1857 की क्रांति के बाद हिंदुस्तान की धरती…
यू आर माय वैलेंटाइन
यू आर माय वैलेंटाइन मैं और तुम दो अलग अलग चेहरे दिल शरीर जान आत्मा व्यक्तित्व परिवार दोस्त वातावरण फिर भी हम ऐसे एक दूसरे मे यूं समाहित हुए मेरा सब कुछ हुआ तेरा तेरा सब कुछ हुआ मेरा तेरा मान सम्मान स्वभिमान सुख दुःख सफलता धन सम्पत्ति परिवार जिम्मेदारी हुई मेरी और मेरी हुई…
गुरू की महिमा
गुरू की महिमा गुरू हैं ज्ञान के सागर गुरू हैं ध्यान के गागर गुरू में लीन हों मन से तो निखरे सद्बुद्धि का आखर गुरू हैं सरस्वती उपासक गुरू हैं देश के सुधारक गुरू से दीक्षा लें सच्ची तो बनते तम के ये उद्धारक गुरू हैं युग के प्रणेता गुरू हैं कर्म के अभिनेता गुरू…
मैं नारी हूँ
मैं नारी हूँ मैं नारी हूँ, हाँ मैं नारी हूँ ईश्वर की आभारी हूँ । स्वेच्छा से मैं कभी भी कहीं भी आ जा सकती हूँ पर ससुराल प्राथमिकता है मेरी अत: कभी कभी जरूरत के वक्त मैं मैके को भी हारी हूँ …. हाँ मैं नारी हूँ । छोटे से रसोई घर की मैं…
मजदूर का बेटा
मजदूर का बेटा हम साथ साथ पढ़ते तब , 8 वीं की बात रही होगी, मेरी टक्कर हमेशा से ही उससे हो जाती थी, और मैं हमेशा उससे हार जाता था। खेल में, कक्षा के रिजल्ट के स्थान में, हमेशा वो मुझसे बाजी मार लेता था। मुझे इस बात से उससे चिढ़ हो गई थी,…
हिन्दी – राजभाषा या राष्ट्रभाषा
हिन्दी – राजभाषा या राष्ट्रभाषा हिन्दी भारत की आत्मा है। यह हर भारतवासी के अस्तित्व व अस्मिता की पहचान है। भारत के स्वतंत्रता संग्राम में हिन्दी की प्रमुख भूमिका रही है। गांधी जी ने यह महसूस किया था कि हिन्दी के द्वारा ही लोगों को जोड़ा जा सकता है क्योंकि हिन्दी ज्यादातर लोगों के आम…
डॉ. अंबेडकर
डॉ. अंबेडकर अंबेडकर एवं भारतीय संसदीय प्रणाली पर उनके विचार !! अंबेडकर ने कहा था कि भक्ति या नायक पूजा शर्तिया तौर पर पतन और उसके संभावित तानाशाही की ओर ही ले जाती है। भारत में भक्त होना आसान है समझदार होना मुश्किल है। क्या इस देश में भूख, बेरोजगारी, महंगाई, सामाजिक असामनता जैसे ज्वलंत…