क्षितिज की ओर

क्षितिज की ओर     मुग्ध हो कर देख रहा हूं और बह रहा हूं अस्तित्व की बाढ़ में तेरी अविजित मुस्कान इधर झनझनाती तंत्रियों में शुरू सामूहिक गान।   तू झुलसा रही मेरे अहं को मेरी दुर्बलता को उमड़ रहा न जाने क्या झुकती नज़र, कभी उठती नज़र पर इसके माने क्या? फुलवारी कुछ…

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प्रेम -बंधन

प्रेम -बंधन दो प्राणों का है अटूट ये बंधन । दो श्वांसों का श्वांसों से अनुबंध । दो प्राणों की मधुर आलाप है दो प्राणों की ये वेदना है। प्रेम ..मौन की बोलती भाषा प्रेम …हृदय की है परिभाषा । दो नयनों का स्मित -हास जीवन का है जो दीर्घ श्वास। प्रेम … राधा का…

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मधुमास

मधुमास मधुर मधुर मधुमास खिला मन पुलकित उल्लास मिला। भासमान है सूर्य बिम्ब चल रहा साथ निज प्रतिबिम्ब। प्रकृति ओढ़ी है नव दुकूल मन में उठते हैं भाव फूल। कोकिला करे कुहू पुकार गायें भी भरती हुंकार। मन वासंती जागे उमंग बह रही ख़ुशी की नव तरंग। दे रही थाप गोरी पी के संग चढ़…

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डरपोक

डरपोक साड़ी के पल्लू को संम्हालती हुई मालती ने पीछे देखा। रात के अंधेरे में कुछ दिखाई नहीं पड़ा। पैदल चलती हुई वो थोड़ा रुकी फिर चलने लगी। सोचा कहीं सड़क के किनारे लाइट वाले खंभे पर रुकेगी। ऐसा डर उसे पहले नहीं लगता था ।अकेले आने जाने की आदत है उसे। पिछले चार सालों…

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तलाश एक पहचान की

  तलाश एक पहचान की चौदह अक्टूबर उन्नीस सौ इकहत्तर (14 – 10-71)को छतीसगढ़ के रायपुर जिला के एक छोटे से गांव में स्वर्गीय श्री दिलीप सिंह जी के द्वितीय पुत्र श्री खोमलाल जी वर्मा (स्व.) सम्पन्न कृषक के प्रथम संतान के रूप में मेरा जन्म हुआ। दुर्भाग्य से उन दिनों ल़डकियों को जन्म देना…

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पिता

पिता पिता एक शख्स नही संस्कार आदर्श मयार्दा धर्म सहनशीलता की परिभाषा है पिता रामायण कुरान बाइबिल गुरुग्रंथ गीता का ज्ञान भरा भंडार हैं पिता जीवन के संघर्ष में कभी न हारने का संदेश देते है अँधेरे तो क्या हुआ रौशनी को तु तलाश कर यही सिखलाते हैं पिता पिता होते हैं बरगद की छाँव…

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कैसे मनाएँ

कैसे मनाएँ कैसे मनाएँ आज़ादी का जश्न..? कैसे भुलाएँ कोरोना के ग़म…? विश्व पुरुष जब अश्रु बहाता हो, कैसे भारत माँ का श्रिंगार करें हम .. कैसे भुलाएँ कोरोना के ग़म। मानवता पर जब घना संकट मंडराता हो, जीवन ,मृत्यु से दया की भीख माँगता हो, मृत्यु का तांडव अविराम चलता हो.., हर गली-मोहल्ले में…

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यथा नाम तथा गुण

यथा नाम तथा गुण दिव्या जी से मेरा परिचय भले ही ऑनलाइन मोड का हो पर वे बहुत आत्मीय हैं। उनके अनेक अनेक रूप हैं, वे एक साथ एकोअहम बहुस्याम हैं। कवि, रचनाकार, संपादक, आयोजक, अनेक पुरस्कारों से सम्मानित, कम शब्दों मे गहरी और गंभीर बात कह जाने वाली, हीरे की माफ़िक हैं, रहिमन हीरा…

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जीना सिखाती ज़िन्दगी

जीना सिखाती ज़िन्दगी आज पहली बार अज़ीब सी मनःस्थिति है। लोग न जाने कैसे बड़ी बड़ी बातें कर लेते हैं किसी के बारे में भी मेरे साथ कभी भी कोई बुरा व्यवहार करता है तो मुझे बुरा लगता है। कोशिश रहती है कि मेरी तऱफ से कभी कोई आहत न हो।पर जब अति हो जाती…

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