काहे बिहाए बिदेश

काहे बिहाए बिदेश गाँव का चबूतरा जो हमेशा गुलजार रहता था, आज सुनसान है। वहाँ हमेशा एक भीड़ हुआ करती थी, खोमचे वाले, बस पकड़ने वाले, फेरी वाले। सुस्ताने की एक वही जगह थी। पीपल का बड़ा पेड़ और चारों तरफ बड़ा चबूतरा। एक हैंड पम्प भी लगा हुआ है। दरअसल कल ही सरकारी दफ्तर…

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इस बार यूँ होली

इस बार यूँ होली कुछ सतरंगी सी चाहत यूँ आज मचल रही है जैसे इस फागुन होली अनकही भी कह रही है मेरी हसरतों को यूँ निखार देना तुम ले सूरज की धूप सूनहरी मेरी गालों पे लगा देना तुम सजा देना माँग मेरी पलाश के सूर्ख लाली से जो चूनर ओढ़ लूँ मैं धानी…

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वर्ल्ड हेल्थ डे

विश्व स्वास्थ्य दिवस (वर्ल्ड हेल्थ डे) विश्व स्वास्थ्य दिवस हर वर्ष ७ अप्रैल को मनाया जाता है। इसे मनाने की शुरूआत विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के द्वारा १९५० में की गई थी। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य है, सभी को स्वास्थ्य एवं स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूक करना। पिछले कई वर्षों से…

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रत्न बड़े अनमोल

   रत्न बड़े अनमोल-                    ————————-    औषधि मणि मंत्राणाम्, ग्रह-नक्षत्र  तारिका। भाग्यकाले भवेत् सिद्धिः , अभाग्यं निष्फलं भवेत ।। अर्थात, औषधि, मणि(रत्न) एवं मन्त्र, ग्रह-नक्षत्र जनित रोगों को दूर करते हैं। यदि समय सही है तो शुभ फल प्राप्त होते है, जबकि विपरीत समय में ये…

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प्रेम की पराकाष्ठा

प्रेम की पराकाष्ठा प्रेम सत्य है,सर्वव्यापी है प्रेम की पराकाष्ठा भला कब किसने नापी है!! प्रेम विश्वास है प्रेम आस है, प्रेम प्यास है एहसास है!! प्रेम पूजा है,प्रेम निष्ठा है, प्रेम नाता है ,प्रेम विरह है!! प्रेम को कब किसने बांधा है प्रेम को कब किसने मापा है, प्रेम अनछुआ है अनदेखा है प्रेम…

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बस यूँ ही चलते जाना है

  बस यूँ ही चलते जाना है कौन कहता है आसमां में सुराग नही हो सकता एक पत्थर तो तबीयत से उछालो  यारों। मेरा जन्म महाराष्ट्र के गोंदिया जिले में 29 सितंबर 1968 को हुआ,विविध पारिवारिक कारणों से या यूं कहें कि मां के देहावसान के कारण 1978 में जमशेदपुर आना हुआ। फिर स्कूली शिक्षा…

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माँ

माँ वो मां ही तो है, जिस ने सबसे पहले , सिखलाया धीरज रखना सिखलाया बिन व्याकुलता , भी संपन हो सकता है हर कार्य। सिखाया उसी ने, सरलता से जीना उलझनों के बीच रहकर भी, जीत हार के संग, समान व्यवहार का पाठ भी, सबसे पहले उसने ही पढ़ाया। मन जब दुख से घबरा…

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प्रथम गुरु – मां

गुरु पूर्णिमा विशेष प्रथम गुरु – मां मां तुम मेरी प्रथम गुरु हो तुमने ही मुझे पढ़ाया है तुमने ही सुख दुख में मुझको जीवन का सार बताया है, करूं वर्णन कैसे तेरी महिमा का मेरी नींव है तुम पर टिकी हुई जीवन में हर एक रिश्ते की पहचान तुम्हीं से मिली हुई तुमने ही…

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कैक्टस

कैक्टस दस दिन के दुधमुँहे मुन्ना को गोदी में लिए, देहरी पर खड़ी संचिता, कुछ अधिक खीझ और कम भय के साथ सामने बैठक में दीवान पर लेटे सचिन को देख रही थी। उसकी सास मनियादेवी अभी-अभी पैर पटकती इसी देहरी से बाहर निकली हैं। उनके स्वर का ताप संचिता के समूचे तन से लिपटा…

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याज्ञवल्क्यस्मृति

याज्ञवल्क्यस्मृति आपने मनु स्मृति का नाम खूब सुना होगा। मगर बहुत कम लोगों ने याज्ञवल्क्य स्मृति का नाम सुना होगा। वैसे तो हिन्दू धर्म में न्याय और सामाजिक व्यवहार पर केंद्र 18 से अधिक स्मृतियां रची गयी हैं। मगर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि भारत का संविधान बनने से पहले तक हिंदुओं के लिये…

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