उम्मीदों का नया दशक
2021से 2030 का समय
एक नए दशक का आरंभ
कितनी नई जिंदगियों की शुरुआत
कितनों की सेवानिवृत्ति
कितनों के नए कर्तव्य
होंगी कितनी नई किलकारियाँ
कितनी नई गृहस्थियाँ
जो पालने में हैं,
नए आयाम गढ़ेंगे
जो पा चुके हैं पंख,
वृहद आसमान छूयेंगे
नये जहान का विस्तार होगा
नयी तकनीक का आविष्कार होगा
नयी सोच,नयी राहें,नयी मंजिलें
बहुत कुछ बदलेगा इस दशक में
लेकिन इस बदलते समय में
छोटी होती पर तेज भागती
इंसानों की इस दुनिया में
भूलें नहीं हम–
प्यार,जज्बात,संवेदना
प्रकृति,सकारात्मकता,करुणा
साथ चलना, हाथ थामना
ठहराव,कर्मठता
संभलना,संभालना
घूमते समय के पहिए से
चुराना लम्हों को अपने लिए
छोटी नन्हीं खुशियाँ बिखेरना
ताकि हर जीव खुश रहे
हम ये याद रखें कि,
छोटी-छोटी खुशियों में ही
छुप कर बैठे होते हैं
हमारे जीवन के बड़े-बड़े सुख
कागज के टुकड़ों,सिक्कों में नहीं
चेहरों की मुस्कानों में
छिपी होती हैं सारी खुशियाँ
चलो,इस दशक को सजायें
मुस्कान से,सकारात्मकता से
हथियारों की नहीं,अब
मुस्कानों की होड़ लगायें…
अर्चना अनुप्रिया
दिल्ली