चेहरा बनाये बेदाग
स्कीन पर किसी प्रकार का दाग केवल आपकी खुबसूरती पर ही दाग नहीं है बल्कि आपके आत्मविश्वास को भी कम करता है । साथ ही साथ यह मानसिक तनाव का कारण भी बन जाता है। लेकिन आज के इस आधुनिक युग में अब प्रत्येक प्रकार के दाग का इलाज संभव है। केवल जागरूकता के अभाव में लोग इसका सही ट्रीटमेंट नहीं करवाते हैं । हम विभिन्न प्रकार के दाग और उससे संबंधित ट्रीटमेंट के बारे में कुछ सुझाव देंगे ।
सफेद दाग
सफेद दाग ल्यूकोडर्मा या विटिलिगो छुआछूत की बीमारी नहीं है और सभी सफेद दाग फुलवेरी नहीं होते हैं , सफेद दाग एक ऑटो इन्यून बीमारी है , जिसमें शरीर के इम्यून सेल पिग्मेनटेंशन के खिलाफ काम करने लगता है इससे सेल डैमेज हो जाते है और त्वचा का रंग बदलने लगता है, यानी सफेद होने लगता है । इसकी वजह से स्कीन से मेलालिन नामक तत्व मर जाता है । जब स्किन का रंग हल्का पड़ना शुरू हो जाए और उस हिस्से के बाल भी सफेद होने शुरू हो जाएं तो समझिए कि या सफेद दाग है। अगर, एक जगह पहले से ही सफेद दाग बन गया हो और उसके बाद कहीं चोट , खरोंच या ठोकर लगती है तो वह जगह भी सफेद होने लगता है । इसका इलाज अब पूरी तरह से संभव है । इसका इलाज चार प्रकार से किया जाता है।
दवा
इसमें मरीज को खाने की दवा दी जाती है साथ में क्रीम एवं लोशन भी दी जाती है जिसे सफेद दाग पर लंबे समय तक लगाया जाता है ।
फोटोथैरेपी
दवा के साथ साथ फोटोथैरेपी के द्वारा अल्ट्रवायलेट किरणों द्वारा कुछ मरीजों में सर्जिकल ट्रीटमेंट भी दिया जाता है । इसमें कलर बनाने वाले सेल को दाग वाले स्थान पर डालते है और रंग वापस आ जाता । हालांकि इस प्रक्रिया का इस्तेमाल बड़े दाग पर नहीं करते।
सर्जरी
यह भी एक कारगर उपाय है जिसमें मरीज के स्वस्थ स्किन को निकालकर सफेद दाग पर लगाया जाता है । जिससे चमड़े का काला रंग पुनः स्थापित हो जाता है।
लेजर
यह अभी के समय का सबसे नवीनतम इलाज है जिससे मरीज को कम समय में बहुत ही बेहतर लाभ दिखाई देता है । मरीज डॉक्टर के पास सप्ताह में एक बार लेजर का ट्रीटमेंट करवाता है । इस तरह से कम से कम दो-तीन महीने में पूरा सफेद दाग काला हो जाता है ।
जलने के दाग
जब किसी मरीज का स्किन जल जाता है तो इसमें दो तरह के दाग हो जाते हैं । पहला पोस्ट-इनफ्लामेटरी हाइपर पिगमेंटेशन और दूसरा स्कार में जले हुए स्कीन का इलाज अब दवा के साथ साथ लेजर के द्वारा किया जाता है । लेजर ट्रीटमेंट थोड़ा महंगा इलाज होता है पर मरीज के स्कीन बिल्कुल ठीक हो जाते हैं ।
सन टैन या सन बर्न के दाग
चेहरा या अन्य अंग के धूप के संपर्क में आने वाली त्वचा का काला पड़ जाने की मुख्य वजह सूरज की अल्ट्रा वायलेट किरणें है । सूर्य की रोशनी से चेहरा काला पड़ जाता है तो उसे सन टैन या सन बर्न कहते हैं । ऐसे मरीजों का इलाज दवा के साथ-साथ ‘कैमिकल पीलिंग’ के द्वारा ठीक किया जाता है ।
पिंपल के दाग
पिंपल या मुँहासे की वजह से जो दाग होते हैं उसे ठीक करने में बहुत समय लगता है लेकिन खाने की दवा व पिंपल्स को सूखने और फिर दाग मिटाने के लिए दवा दी जाती है और साथ ही साथ क्रीम एवं लोशन भी दिया जाता है । कैमिकल पीलिंग द्वारा भी इसका इलाज संभव है । लेजर फोटो फेशियल ट्रीटमेंट से एक कारगर इलाज होता है चार से पांच वाक्य कराने से यह दाग ठीक हो जाता है ।
चेहरे पर तिल का इलाज
जब किसी मरीज के चेहरे पर अत्यधिक मोल या तिल होते हैं तो समझना चाहिए कि उस मरीज का स्कीन सूरज से बहुत ही सेंसिटिव हो गया है । ऐसे मरीज को धूप से बचना चाहिए और अगर मरीज तिल निकलवाना चाहते हैं तो सर्जरी एवं लेजर के द्वारा इसे निकालने की सुविधा है ।
जख्म के निशान
किसी एक्सिडेंट या सर्जरी के द्वारा होने वाले जख्म के निशान को चेहरे पर बहुत भद्दा लगता है किंतु इसका इलाज भी संभव है। दवा एवं लेजर ट्रीटमेंट के द्वारा जख्म के निशान को पूरी तरह मिटाया जा सकता है ।
–डॉ आर कुमार
कंसल्टेंट ,डर्मेटोलॉजिस्ट , वीनियरोलॉजिस्ट एंड कॉस्मेटिक्स सर्जन ,
प्रोपराईटर्स ऑफ स्किन और लेजर क्लीनिक