स्तन कैंसर-जागरूकता ही बचाव है

स्तन कैंसर-जागरूकता ही बचाव है

स्तन कैंसर दुनिया में महिलाओ में होने वाला सबसे आम या कॉमन कैंसर है।
“आंखों को वही दिखाई देता है जो दिमाग को पता हो”

सबसे पहले आप लोगों को बताना चाहूंगी कि स्तन कैंसर स्तन के कोशिकाओं और टिश्यू में असामान्य अनियंत्रित वृद्धि को कहते हैं।

हमारे देश में स्तन कैंसर के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं, यह एक चिंता का विषय है। हर एक वर्ष १.५- १.८ लाख नए स्तन कैंसर केसेस डायग्नोज होते हैं।

हमारे देश में अभी भी ६०% से ज़्यादा महिलाएं एडवांस्ड स्टेज में अस्पताल आती हैं।
स्तन कैंसर पूरी तरह से ठीक हो सकती है, बशर्ते महिलाएं प्राथमिक या फस्ट स्टेज में अस्पताल आएं।

इसके लिए ये बेहद जरूरी है कि हर एक महिला को अपने स्तन के प्रति सजग होना चाहिए जिसे हम ब्रेस्ट अवेयरनेस भी कहते हैं। हर एक माह अपने स्तन की जांच करें एवं स्तन में कोई गांठ हो तो तुरंत ही डॉक्टर को दिखाएं। ये ज़रूरी नहीं की स्तन में हर एक गांठ कैंसर की हो, १० में से ८ गांठ सादी गांठ होती हैं, परन्तु अगर यह कैंसर की गांठ है तो इसका इलाज जल्द ही शुरू हो जाए यह अनिवार्य है।

स्तन कैंसर के लक्षण:-

१. स्तन या बगल में गांठ

२. स्तन के आकार में बदलाव

३. निप्पल के नीचे गांठ

४. निप्पल में से रक्त / प्रवाही

५. निप्पल अंदर की तरफ धंस जाना

६. स्तन के चमड़े में बदलाव खूजली / सख़्त जैसे की संतरे का छिलका / गड्ढा / छिद्रित

ब्रेस्ट सेल्फ एग्जामिनेशन( स्वयतः अपने स्तन की जांच):-

हर एक महिला जो २० वर्ष से अधिक हैं उन्हें अपने स्तन की जांच करनी चाहिए। जिन महिलाओं में मासिक आता है उन्हें अपने मासिक के ७ वे ८वे दिन को जांच करनी चाहिए।

रजोनीवृती के बाद महिलाओं को एक दिन तय कर लेना चाहिए एवं हर एक माह के उसी दिन पर जांच करनी चाहिए।

जब आप अपने स्तन का जांच करें तब अपनी तीन मध्य उंगलियों के अग्र भाग से नीचे दबाते हुए करें।

कॉलर की हड्डी से लेकर नीचे आते हुए पूरे स्तन को ऊपर से नीचे की दिशा में दबाते हुए देखना है एवं बगल का भी जांच करना है।

आइने के सामने खड़े होकर अपने स्तनों में किसी प्रकार के लक्षण और असमानताओं पर गौर करें।

फिर दोनों हाथों को ऊपर उठाकर देखें।

निप्पल के नीचे भी दबाकर देखें एवं निप्पल के आकार पर गौर करें ।

यही जांच बिस्तर पर लेट कर भी करनी चल एवं नहाते वक्त भी करनी चाहिए।

बाएं तरफ के स्तन की जांच दाहिने हाथ से करना है और दाहिने स्तन की जांच बाएं हाथ से करना है। स्तन को उंगलियों के बीच पकड़ना नहीं है बल्कि दबा कर जांच करनी है।

“स्तन कैंसर का जल्दी पता चलना ही जीवन की कुंजी है।”

डॉ. शुभा सिन्हा
कंसल्टेंट ब्रेस्ट और ओंकोप्लास्टिक सर्जन
अपोलो सीबीसीसी ,अहमदाबाद, भारत

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