
नशा
नशा कथासम्राट् मुंशी प्रेमचंदको मेरा नमन । ३१जुलाई सन् १८८०में वाराणसी के लमही गॉंव में जन्मे धनपत राय का जीवन परिवार की ज़िम्मेदारी,विमाता के क्रोध और गरीबी में बीता ।उनके ही शब्दों में-“पॉंव में जूते नथे,देह पर साबुत कपड़े न थे,महँगाई अलग थी ।दस रुपये मासिक वेतन पर एक स्कूल में नौकरी की ।” एक…