तेरे जैसा दोस्त कहाँ ‘

तेरे जैसा दोस्त कहाँ ‘

मित्रता किसी भी इन्सान के जीवन की एक बेशकीमती धरोहर है।ईश्वर ने जिन्हें रक्त सम्बंध से नहीं बाँधा, उसे हमने प्रेम और अपनेपन से सींचा है और उसे ताउम्र विश्वास के धागे में पिरोकर हीरा की भांति सँजो कर रखा है। मित्रता ऊंच-नीच,जात-पांत,धर्म और उम्र के बंधन से परे है।तभी तो सुदामा की एक पुकार पर कृष्ण को खाली पैर द्वार तक दौड़ना पड़ा था। यह मित्रता की कसौटी है जो हम सुख और दुख में मित्र के साथ खड़े होते हैं।
सच्ची मित्रता में जीवन के सारे दुख और अवसाद हर लेने की क्षमता है। मित्रता बूढ़े को भी जवान बना कर जीवन में हास- उल्लास और उमंग भर देती है।सच्चा मित्र केवल वही ही नहीं है जो सुख-दुख में साथ खड़ा हो बल्कि सच्ची मित्रता तो वह है ।जो हमारे गुण दोषों का परिमार्जन करे,हमें सदमार्ग की ओर ले जाये। हमारा पथ प्रदर्शन करे।सच्ची मित्रता में एक वैद्य सी निपुणता और एक माँ सा धैर्य और कोमलता होनी चाहिए। बालपन की दोस्ती अगर बढ़ती उम्र के साथ फलती फूलती रहे तो इससे बढकर दोस्ती और क्या होगी? दोस्ती में मन का साफ और शुद्ध होना अति आवश्यक है।सच तो यह है कि मित्रता में हर समस्या का समाधान है।एक मित्र में जीवन के हर रिश्ते का रुप समाया होता है।

अनिता निधि
पूर्व शिक्षिका

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एक प्यारा एहसास

रिश्तों की भीड़ हैं जीवन में।कुछ रिश्ते जन्म से तो कुछ कर्म से और कुछ रिश्तों से रिश्ता कायम होता हैं।लेकिन दोस्ती एक प्यारा सा बंधन एवं अटूट संबंध है,एक केवल मात्र एहसास है।एक भी सच्चा दोस्त आप के जीवन में हो तो जीवन में उत्साह, उमंग और जिंदादिली बनी रहती है।दोस्त की एहमियत हमारी जिंदगी में बहुत ही खास होती है जिसे हम बिल्कुल आजादी से अपनाते है।जहाँ केवल और केवल भावनाओं का जुड़ाव होता है ।एक अच्छा दोस्त आप के जीवन से नकारात्मकता को समाप्त कर सकारात्मकता का संचार करता है ।यह दोस्त कोई भी हो सकता है ,क्योंकि हर रिश्ते में दोस्ती हो तभी वह सुचारु रूप से लंबे समय तक टिक सकती हैं,यह भी भगवान की दी हुई आशीर्वाद में से एक है जिसे हम अपनी आजादी से अपनाते है और स्नेह से निभाते हैं।

खुशबू सिंह
फैशन डिजाइनर

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