औरत ने जन्म दिया मर्दों को

“औरत ने जन्म दिया मर्दों को,
मर्दों ने उसे बाज़ार दिया…
जिस कोख से उसने जन्म लिया
उस कोख का कारोबार किया!!”

साहिर लुधियानवी की चुभती पंक्तियाँ, मुज़फ़्फ़रपुर कांड को भली भाँति दर्शाती है!..आज के परिवेश में देश में महिलाओं की स्थिति अच्छी नहीं कही जा सकती है…महिलाओं का शोषण दिनों दिन बढता जा रहा है…इसकी कोई सीमा नहीं है….चाहे घर की  चारदीवारी हो या कार्य स्थल या शिक्षण संस्थाएँ, महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं!! मुज़फ़्फ़रपुर कांड ने सबको झँझोर कर रख दिया है..क्या कोई इतना गिर सकता है ? वहशीपन की पराकाष्ठा है ये कांड….मानवता को पूर्ण रूप से शर्मसार करने वाली इस घटना की परत जैसे जैसे खुल रही हैं ये एक ऐसे विकृत मानसिकता को दर्शाती है जिसे समझ पाना इतना आसान नहीं है…क्या छोटी छोटी बच्चियों को गिद्द जैसे नोचते लोग इंसान कहलाने के लायक हैं? क्या ऐसे वहशी किसी रियायत के पात्र हैं?? निसन्देह नहीं…मेरे अनुसार ऐसे दरिंदे मौत के अलावा किसी भी सज़ा के हक़दार नहीं हैं!! कुछ को छोड़ कर, लगभग सभी बालिका गृह या महिला आश्रय गृह में यही नरकीय स्थिति है!! सरकार चाहे जो स्पष्टीकरण दे वो अपनी नाकामियों पर पर्दा नहीं डाल सकती!!…बिना सरकार की छत्रछाया के इस तरह का कांड असम्भव है!!हम तो शुक्रगुज़ार रहेंगे टी आई एस एस के जिसकी रिपोर्ट ने इस जघन्य कुकर्म को लोगों के सामने उजागर किया।आश्चर्य तो इस बात से है कि लड़कियों के साथ बलात्कार और हत्या के इतने बड़े ख़ुलासे के बाद भी सरकार चिरनिद्रा में रही..ख़ैर, इस से इतना तो अवश्य हुआ की लोगों का ध्यान इन बेचारी निर्दोष बच्चियों पर पड़ा  जो मरणासन्न अवस्था में जीने और उस “चकला” जैसे स्थान पर शोषित होने के लिए मजबूर हैं ।ये हर्ष का विषय है कि अब दूसरे राज्यों के भी गृहों की सघन जाँच हो रही है!! चलो! कुछ तो भला हुआ ऐसी आभागी लड़कियों का!! वैसे महिलाओं पर अन्य कई तरह के अपराध होते रहतें है पर जो छोटी बच्चियों के  साथ हो रहा है वो तो रूह कपानें वाला है!! अब अगर इस माहौल में कुछ ऐसे महिला गृहों की बात चले जैसे सारन, दरभंगा, बक्सर आदि जिनकी टी आई एस एस ने मुक्तकंठ से प्रशंसा की है तो ये एक सुखद आश्चर्य है!! परमपिता परमेश्वर से बस यही प्रार्थना है कि दोषियों को त्वरित और कठोर सज़ा मिले जो ऐसे कर्मकाण्डियों के लिए एक मिसाल हो!!

डॉ. राजीव रंजन दास
एसोसिएट प्रोफेसर, डिपार्टमेंट ऑफ फोरेंसिक मेडिसिन,
नालंदा मेडिकल कॉलेज, पटना

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