प्रवासी महिला साहित्यकार और स्त्री चेतना 

प्रवासी महिला साहित्यकार और स्त्री चेतना  हिन्दी को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जो मान्यता मिली है उसका एक मूल कारण है प्रवासी भारतीय लेखक, जो एक लम्बे समय से भारत की भाषा, कला और संस्कृति को विदेशों में फैलाने का महत्वपूर्ण प्रयास करते आ रहे हैं। समय तेज़ी से बदल रहा है, ज़ाहिर है कि हमारे…

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देसी गर्ल्स

देसी गर्ल्स महिलाओं के लिए खुद को खुलकर व्यक्त करना कभी आसान नहीं रहा, लेकिन लेखन एक ऐसा तरीका है जिसके द्वारा वे यह कर सकती हैं। जेन ऑस्टेन के बहुचर्चित उपन्यासों के माध्यम से हम उनके जीवन और समाज को देख सकते हैं। फिर भी, जेन ऑस्टिन के लिए एक पुरुष की दुनिया में…

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दिव्या माथुर की कहानियों में संवेदना और शिल्प

दिव्या माथुर की कहानियों में संवेदना और शिल्प दिव्या माथुर वर्षों से साहित्यिक रचना में संलग्न हैं। उनकी रचनात्मक प्रतिभा के विविध आयाम कविता, कहानी और उपन्यास की विधाओं में प्रतिफलित हुए हैं। द क्राफ्ट ऑफ फिक्शन में पर्सी लबक ने ‘कथ्य का अधिकतम प्रयोग’ द्वारा संवेदना और शिल्प के संबन्ध का स्पष्टीकरण किया है।…

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संपादकीय-दिव्या माथुर

संपादकीय  “दिव्या” जिजीविषा – यदि इस शब्द की व्याख्या करने के लिए मुझसे कहा जाए तो मैं एक शब्द में कर सकती हूँ “दिव्या”। मैं जब पहली बार उनसे मिली थी, एक दुबली-पतली नाज़ुक सी दिखने वाली काया पर जो चेहरा था उस पर साफ़ साफ़ शब्दों में यही लिखा हुआ था ‘जिजीविषा’ और आज…

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ममता कालिया-समकालीन हिंदी साहित्य जगत का जगमगाता सितारा

ममता कालिया-समकालीन हिंदी साहित्य जगत का जगमगाता सितारा ममता कालिया समकालीन हिंदी साहित्य जगत की प्रखर हस्ताक्षर हैं। उनका गद्य की हर विधा में एक सार्थक हस्तक्षेप है। भावों के महीन धागों से बुनी उनकी कविताओं में आम जीवन से जुड़े वे सभी ख़ास पहलू हैं जो पाठकों को स्वतः ही अपना बना लेते हैं…

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गर्मियों में सही खानपान

गर्मियों में सही खानपान गर्मी का मौसम चल रहा हैं इसलिए अपने खानपान का पूरा ध्यान जरूर रखें. आपका भोजन या आहार ऐसा होना चाहिए जो आपके शरीर को ठंडा रखे, आसानी से पचे और आपके स्वस्थ को ठीक रखें. शुद्ध और संतुलित आहार लेने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी, पाचन क्रिया बढ़िया…

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पर्यावरणविद

पर्यावरणविद राखी का त्यौहार आने में भले ही 2 महीने पड़े हों लेकिन भाई-बहनों ने इसकी तैयारियां शुरू कर दी हैं। खासकर जो बहनें अपने भाईयों से मिलो दूर बैठी हैं वो राखी से एक महीने पहले ही उन्हें राखी भेज देंगी। बात अगर राखी ट्रैंड की करें तो आजकल हर कोई इको-फ्रैंडली राखी में…

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नवगीत की सशक्त हस्ताक्षर- शांति सुमन

नवगीत की सशक्त हस्ताक्षर- शांति सुमन जिनका व्यक्तित्व सुगंधित फूलों का बगीचा है, जिनकी शाब्दिक अभिव्यक्ति में शांति का संदेश है, जिनकी कलम किसी अदृश्य को सदृश्य से जोड़ती है, जिनकी भावाभिव्यक्ति में उन्मुक्त कंठ की जादूगरी है , जिनके शब्दों में खो जाता है सुनने वाले का मन ऐसे स्वनाम धन्य है आदरणीय शांति…

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अबला से आत्मनिर्भरता की राह

अबला से आत्मनिर्भरता की राह ये कहानी है शशिकला जी की जो हर लड़की की तरह एक खुशहाल और जिम्मेदार लड़की थी। छोटे छोटे सपनों ने आँखों में जगह बनानी शुरू ही की थी कि १७ वर्ष के उम्र में विवाह के बंधन में बांध दिया गया। अपनी सारी जिम्मेदारिओं को भली भांति निभाते हुए…

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बस इतना सा

बस इतना सा नाम – सीमा भाटिया जन्मतिथि – 5 फरवरी, 1969 शिक्षा – स्नातकोत्तर (हिन्दी) लेखन की विधाएँ – गद्य और पद्य दोनों में प्रकाशित पुस्तकें – सांझा संग्रह_ संदल सुगंध, लम्हों से लफ्ज़ों तक, सहोदरी सोपान, अल्फाज़ ए एहसास (काव्य संग्रह) सफर संवेदनाओं का,आसपास से गुजरते हुए, लघुतम-महत्तम, सहोदरी लघुकथा २, लघुकथा कलश,…

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