होली पर आओ कान्हा

होली पर आओ कान्हा नर है वो मनमाना, होली का करे बहाना, होली के बहाने से वो,डाले कुड़ियों को दाना।। रंग ले अबीर ले और साथ में है भाँग छाना, मनमौजी छैला है, वो बातों में न कोई आना होली की मादकता में उसका न कोई सानी, गुलाल की आड़ में वो कर रहा मनमानी।।…

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आजादी के पहले का हिंदुस्तान चाहिए

आजादी के पहले का हिंदुस्तान चाहिए हमें कश्मीर नहीं पूरा पाकिस्तान चाहिए, आजादी से पहले का हिंदुस्तान चाहिए। हम हैं अमन के रखवाले युद्ध छेड़ते नहीं पर हम छेड़ने वालों को कभी छोड़ते नहीं तुमने जो की मक्कारी उसे कैसे सहेंगे पुलवामा का बदला अब हम लेकर रहेंगे हमें अब और नहीं बेटों का बलिदान…

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ओ नरभक्षी

ओ नरभक्षी 1. ओ विषाणु, सुन, तुझे रक्त चाहिए आ, आकर मुझे ले चल मैं रावण-सी बन जाती हूँ हर एक साँस मिटने पर ढेरों बदन बन उग जाऊँगी तू अपनी क्षुधा मिटाते रहना पर विनती है जीवन वापस दे उन्हें जिन्हें तू ले गया छीनकर मैं तैयार हूँ आ मुझे ले चल। 2 ओ…

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बबूल वन से होकर यात्रा

बबूल वन से होकर यात्रा (विद्यालय के दिनों की आत्मकथा ) मैंने नवीं कक्षा में प्रवेश लिया था। यह वर्ष 1964 रहा होगा। उसी वर्ष 26 जनवरी के दिन मेरे प्रखंड वजीरगंज में निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गयी थी। अपने विद्यालय से भाग लेने के लिए मेरा भी चुनाव हुआ था। मेरे गाँव से वजीरगंज…

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