बीमारी

बीमारी

सुप्रसिद्ध वरिष्ठ लेखिका ममता कालिया जी द्वारा लिखी कहानी ‘बीमारी’ रिश्तों के खोखलेपन को दर्शाती एक ऐसी रचना है जो सीधे सीधे पाठक के दिल को छूती है ।
ये कहानी है एक बीमार बहन की जो अपने भाई भाभी को रोग के कठिन समय में अपने पास बुलाती है
एक बीमार बहन की देखने भाई भाभी आते तो हैं पर किस कष्ट से ये औपचारिकता निभाई है ये बताने में ज़रा भी संकोच नही करते ।
साधारण बात भी तंज़ के साथ कही जा सकती है ये , चाय का इंतजाम तो है न ? कहानी का ये संवाद बताता है ।
भाभी का रसोई सम्भालती है लेकिन जैसे कोई बहुत भारी बोझ उठा रही हो , एक एहसान सा लग रहा था उसका व्यवहार ।
लेखिका लिखतीं हैं , भाई को पत्नी द्वारा रसोई में काम करना कोई बड़ा ऑपरेशन लगता है ।
भाभी के साथ भाई भी उसकी बीमारी को कोई महत्व नहीं देता ।
पूरी कहानी में कहीं भी बहन के प्रति स्नेह या कर्तव्य भाव नहीं दिखता ।
बहन को अस्पताल में भर्ती होने का मौलिक सुझाव भाई देकर जैसे अपने कर्तव्य से मुक्ति पा जाता है ।
अंत में बहन के एक बार पूछने पर ही भाई जब उसकी दवाई पर हुए ख़र्चे का हिसाब थमा देता है तो रिश्तों का खोखलापन मुंह उघाड़े सामने आ जाता है ।
कुल मिला कर रिश्तों में बसे हुये रूखेपन को ,उदासीनता को और स्वार्थ को लेखिका ने बहुत सहजता से उजागर किया है । अंत तक कहानी मन को बांधे रखती है । सहज सरल भाषा मे कहानी बहुत भावपूर्ण बन पड़ी है ।

उमंग

 

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