डिश वॉशर

डिश वॉशर

घर में बर्तन साफ करने की मशीन आने से सभी बेहद खुश थे। गली मोहल्ले के लोग भी उत्सुकतावश चले आते देखने । इस शहर में शायद ये पहला घर होगा जहाँ ऐसी मशीन आई होगी । सुना तो था कि विदेशों में ऐसी मशीनें होती हैं अब अपने देश में भी…!
मशीन को देखने का कौतूहल कई दिनों तक बरकरार रहा । सभी तो खुश थे एक दादी को छोड़कर! वह वैसे भी जल्दी खुश होती ही कहाँ हैं! हर चीज में कोई न कोई कमी निकाल ही देती हैं ।
अपने कमरे में बैठे सारा दिन बुड़बुड़ाती रहतीं
“बस इन मशीनों पर निर्भर हो जाओ! शर्म ही नहीं आती आजकल के बच्चों को!”
“अब भला इसमें शर्म की क्या बात! ये तो गर्व की बात है कि पहली मशीन हमारे घर आई ।”
सभी दादी की बातें सुन खूब हँसते । एक दिन छोटे ने पूछ ही लिया
“दादी! मशीन आने से सभी तो खुश हैं! सिर्फ तुम्हीं क्यों परेशान हो?”
“कभी सोचा ! मशीन आने से बर्तन साफ करने आने वाली महरी शांति के दिल पर क्या बीतती होगी ! उस्का घर कैसे चलता होगा और..!”
“और..!”
“और शांति के न आने पर मेरा अकेलापन कैसे कटे…!”
आगे के शब्द दादी के गले में ही घुट कर रह गए ।

अंजू खरबंदा
अध्यापिका, लेखिका, रेडियो आर्टिस्ट
दिल्ली

0
0 0 votes
Article Rating
277 Comments
Inline Feedbacks
View all comments